आज की मीडिया वही दिखाती है जो TRP का मीठा फल दे, और वही छुपाती है जो असली मुद्दों की जड़ में हो। News24 की इस ‘महान’ रिपोर्टिंग को देखिए — मानो सीएम योगी ने किसी मुस्लिम महिला की शिकायत सुनकर मानवता की सबसे ऊँची सीढ़ी चढ़ ली हो!
क्या अब ये खबर बनने लायक बात हो गई कि मुख्यमंत्री ने अपने ही जनता दर्शन कार्यक्रम में एक नागरिक की शिकायत सुन ली? और उसमें भी ज़ोर इस बात पर कि वह महिला मुस्लिम है — मानो संविधान ने नहीं, चैनल वालों ने अब इंसान की पहचान धर्म से तय कर दी हो।
क्या यही पत्रकारिता बची है? “CM ने मुस्लिम की बात सुनी!” — तो क्या अब हिंदू, सिख, ईसाई नागरिकों के लिए भी अलग-अलग बुलेटिन चलेंगे?
देश में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे फाइलों में सड़ रहे हैं और चैनल वाले इस बात पर बैनर चला रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने किसी महिला की बात सुन ली। वाह रे मीडिया! तुम खबर नहीं, धार्मिक मसाले में तली हुई PR की पकोड़ी परोसते हो।
शायद अब अगली ब्रेकिंग ये होगी: “सीएम योगी ने हिंदू किसान की भी बात सुन ली – न्यू इंडिया चमक उठा।”