Category: सामाजिक लेख

आरक्षण से बनते हैं डॉक्टर और मास्टर, परशुराम और चाणक्य नहीं!

“आरक्षण से डॉक्टर और मास्टर बनाए जा सकते हैं, परशुराम और चाणक्य नहीं!” यह कथन न केवल गहराई से सोचने पर मजबूर करता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था, सामाजिक न्याय और…

“एक पेड़ माँ के नाम”, और माँ की ही हालत बदतर — हाथरस से BJP के दिखावटी ढोंग की असल तस्वीर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किया गया “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान एक भावनात्मक अपील है — लेकिन हाथरस की गलियों में घूमिए, तो समझ में आता है कि…

बुजुर्गों और बड़ों को भी शिक्षा के लिए खुलने चाहिए “विद्यालय”

हमारा समाज आज भी यह मानता है कि शिक्षा केवल बच्चों और युवाओं के लिए होती है। लेकिन वास्तविकता यह है कि समाज की असली सोच वही होती है जो…

दोपहिया वाहनों पर टोल वसूली की ख़बर फ़र्ज़ी निकली, नितिन गडकरी ने लगाई फटकार – भारतीय मीडिया की गिरती साख पर भी उठे सवाल

हाल ही में चर्चित न्यूज़ चैनल TV9 भारतवर्ष ने दावा किया कि 15 जुलाई 2025 से दोपहिया वाहनों (स्कूटर-बाइक आदि) पर टोल टैक्स लिया जाएगा, और यह निर्णय NHAI (नेशनल…