हाथरस नगर में शामिल मीतई गांव का श्मशान घाट खुद बर्बादी की तस्वीर बना हुआ है। 30 जून को वार्ड 6 की सभासद जयश्री देवी के पति रमेशचंद्र का निधन हुआ, जो जवाहर स्मारक इंटर कॉलेज में सफाईकर्मी थे। लेकिन बारिश के बीच, परिजनों को तिरपाल तानकर अंतिम संस्कार करना पड़ा — क्योंकि श्मशान घाट पर न तो छत है, न चबूतरा, न सुविधा।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने सीधा आरोप हाथरस की विधायक अंजुला माहौर पर लगाया है, जिनके कार्यकाल में नगर के विकास कार्य ठप पड़े हैं। जनता सवाल कर रही है कि जब एक चुनी हुई सभासद के पति का अंतिम संस्कार भी तिरपाल के नीचे हो रहा है, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जाए?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि विधायक सिर्फ आयोजनों और मंचों पर दिखती हैं, लेकिन ज़मीन पर कोई काम नहीं होता। मीतई और पापरी जैसे क्षेत्रों की हालत देखकर साफ है कि विकास केवल भाषणों तक सीमित रह गया है।क्या अब भी विधायक की नींद खुलेगी?