जब दुनिया युद्ध और नफ़रत से झुलस रही है, उस वक़्त मॉस्को एयरपोर्ट पर घटी एक घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक ईरान से भागी हुई अफ़ग़ान मूल की गर्भवती महिला का मासूम बच्चा, जो बेहतर ज़िंदगी की आस में रूस की ज़मीन पर कदम रख रहा था — उसे एक अनजान व्यक्ति ने निर्दयता से ज़मीन पर पटक दिया।

विडियो यहाँ देख सकते है – https://x.com/timand2037/status/1937835640969896017?t=6Sf8GH1ctrtKrHVT0fwAqA&s=19

यह हमला कोई हादसा नहीं, बल्कि जड़ से उखड़ चुकी मानवता की चीख है। आरोपी — 31 वर्षीय बेलारूसी नागरिक व्लादिमीर विटकोव — को ड्रग्स और शराब के नशे में धुत बताया गया है। सीसीटीवी फुटेज में दिखता है कि वह बच्चे को उठाता है और बेरहमी से फर्श पर फेंक देता है।

बच्चा अब भी कोमा में है, जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि सिर, रीढ़ और मस्तिष्क में गंभीर चोटें हैं, और इलाज एक लंबा संघर्ष होगा।

क्या शरण मांगने वाले अब भी कहीं सुरक्षित हैं? क्या मासूमियत अब भी जिंदा है?मॉस्को एयरपोर्ट पर हुआ यह कांड, किसी एक परिवार पर नहीं, पूरी मानवता पर हमला है।

👉 यह कोई अकेली घटना नहीं — यह एक संकेत है कि दुनिया नफरत के भंवर में फंसती जा रही है, और सबसे पहला शिकार बन रहे हैं — मासूम बच्चे।

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