हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई घर उजड़ गए, लोग बेघर हो गए और जनजीवन अस्त-व्यस्त है। इसी बीच मंडी की सांसद कंगना रनौत आज कई दिन बाद प्रभावित क्षेत्र में पहुंचीं। लेकिन उनका एक बयान और व्यवहार विवाद का कारण बन गया है।
ANI से बातचीत करते हुए कंगना ने कहा – “मैं क्या कर सकती हूं, मेरे पास कैबिनेट तो है नहीं।”
इस दौरान वह हंसते हुए बोल रही थीं, मानो उन्हें आपदा की गंभीरता की कोई परवाह ही नहीं हो।
कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा – “कुछ तो संवेदना दिखाइए कंगना जी।”
सोशल मीडिया पर लोग इस रवैये को संवेदनहीन, राजनीतिक नौटंकी और गैर-जिम्मेदाराना बता रहे हैं।
सवाल उठता है: क्या एक सांसद का सिर्फ उपस्थित होना ही काफी है, या वक्त की गंभीरता को समझकर संवेदना दिखाना भी जरूरी है?